Sri Radhastami: श्री राधा जी की कृपा (दास महात्मा) श्री राधा शरणं मम्
श्री राधा जी की कृपा (दास महात्मा) श्री राधा शरणं मम्
Radhe Krishna
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Track Name - श्री राधा जी की कृपा (दास महात्मा) श्री राधा शरणं मम्
Voice - Hari Dasi
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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Bhakti Kathayen
श्री राधा जी की कृपा (दास महात्मा) श्री राधा शरणं मम्
- एक बार श्री राधारानी श्री सेवाकुंज में रास में आने में बहुत देर लगा दी तो श्यामसुंदर उनकी विरह में रोने लगे जब स्वामिनी को बहुत देर हो गयी।
- तब श्यामसुंदर धीरता ना रख सके और सखीयो से पूछने लगे... परंतु थोड़ी ही देर में स्वामिनी रासमंडल में पधारी तभी श्याम मान ठान कर बैठ गए।
- स्वामिनी बोली ललिताजी इन महाराज को क्या हुआ मुँह फुलाय काहे बैठे है... ललिता जी ने पूरी कथा सुना दी
- स्वामिनी मुस्कुराते हुए श्याम के चिबुक पर हाथ लगाया जैसे ही लगाया
- श्याम के चिबुक पर "दाल चावल" लग गए... श्याम और मान ठान बैठे..
- बोले एक तो देर से और अब हमारे मुख पर दाल भात्त लगाय सखियों से मज़ाक़ करवाओगी।
- स्वामिनी मुस्कुरा के बोली... ललिताजी एक बात बताओ... यह सब जो बाबा लोग है।
- जो जितने भी भजनानंदी है यह सब अपना घरबार छोड़ ब्रज रज में भजन करने आवे, इन्हें यहाँ लाने वाला कौन है
- ललिता जी बोली - यही आपके श्यामसुंदर तो ललिताजी क्या इनका कर्तव्य नहीं बनता के जो इनके नाम का पान करने घर छोड़ भजन करने वृंदावन आए और इनके नाम कीर्तन करे तो इन्हें उनका ख़याल रखना चाहिये।
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- अब आज इतनी घनघोर वर्षा हुई के वृंदावन के आज दस महात्मा कहीं मधुकरी करने ना जा सके
- तब वो सोचे जैसे ठाकुरजी की इच्छा बोले ख़ाली पेट सोने लगे... तभी मैं वहीं से गुज़र रही थी रासमंडल के लिए
- मैंने तभी जल्दी जल्दी उन दस महात्माओं के लिए दाल भात्त बनायी और अपने हाथो से परोस आयी और कहा..
- बाबा मोहे मेरी मैया ने भेजा है.. आप मधुकरी करने को ना गए ना... तभी मोहे देर हो गयी और जल्दी जल्दी में अपने हाथ ना धो सकी तो हाथ में दालभात्त लगा ही रह गया
- यह सुन श्याम रोने लगे और चरण में पड़कर बोले... स्वामिनी वैराग्य उत्पन्न करा घर बार छुड़ाना यह मेरा काम हैं।
- परंतु उन सब को प्रेम, दुलार, सम्मान उनकी रक्षा करना उन्हें अपनी गोद में लेकर बार बार कहना कृपा होगी होगी होगी मैं हूँ ना..
- यह सब तो आप ही करना जानती हो
- श्याम सखियाँ मंजरिया लता पुष्प पशु पक्षी कण कण बोल उठा "श्री राधा शरणं मम्"
- हैं ना हमारी स्वामिनी कितनी दयालु... श्री करूणामई लाडली जू की जय हो
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