श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे By Jaya Kishori Ji - Download pdf & lyrics
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श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे
Radhe Krishna
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Track Name - श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे
Voice - Jaya Kishori Bhajan
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे,
खाटू वाले को दरबार मन भावे।
दुनिया का नजारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
ऐ को मुखडो प्यारो प्यारो,
ऐ की आंख्या जो अमृत की प्याली।
ऐ की माथे मुकुट है छापर,
मोर पंखिया गजब की निराली।
ऐ का घूंघर वाला बाल,
ऐ के हीरो चमके भाल।
में चाँद सितारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
ये तो बदल बदल करे पहरे,
नित बागा रंग बिरंगा।
कद केसर लाल गुलाबी,
कदे धोला कदे पचरंगा।
बागो पेहरे घेर गुमेर,
पहरे थोड़ी थोड़ी देर।
एक बागो दोबारा ना देखा ना देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
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ऐ के मोटा मोटा गजरा,
फूल कई भांत का पिरोया।
ऊपर से इतर छिडके,
चारो कानि से सेवक है आया।
म्हारो बाबो है शौकीन,
देख तबियत हो रंगीन।
गुलशन की बहारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
बेठ्यो दरबार लगाकर,
यो तो मन्द मन्द मुस्कावे।
मांगणिया ने यो बांटे,
यो प्रेमी से प्रेम बढ़ावे।
सारो बाबा को परिवार,
बिन्नू श्याम लुटावे प्यार।
अठे थारा और म्हारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे,
खाटू वाले को दरबार मन भावे।
दुनिया का नजारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।।
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